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मनोहर भूषण इंटर कॉलेज बरेली

परिचय

(संस्थापक: स्व0 श्रीमती मनोहर देवी एवं डाॅ0 सत्यभूषण जी) शिक्षा जगत के उन्नायक, नगर के सुप्रसिद्ध दानी एवं त्यागमूर्ति श्रद्धेय स्व0 डाॅ0 सत्यभूषण जी तथा उनकी त्यागमयी एवं करूणामयी धर्मपत्नी स्व0 श्रीमती मनोहर देवी जी के सम्मिलित नाम से चरितार्थ “मनोहर भूषण इण्टर काॅलेज, बरेली“ की स्थापना जुलाई 1945 ई0 में एक मान्यता प्राप्त जूनियर हाईस्कूल के रूप में हुई। निजी भवन के अभाव में प्रारम्भिक अवस्था में यह विद्यालय रामनारायण पार्क किला में स्थित किराये के भवन में चलता रहा। शैक्षिक प्रसिद्धि के कारण, बढ़ती हुई छात्रा संख्या को दृष्टिगत रखते हुये, जुलाई 1947 में विद्यालय को रामनारायण पार्क से नैनीताल मार्ग पर स्थित साहू जी महाराज की धर्मशाला में स्थानान्तरित कर दिया गया। दिनांक 14 अगस्त 1947 को शिक्षाविद् स्व0 रहसबिहारी लाल माथुर एम.ए. टी.डी. लन्दन संस्थापक- प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त हुये।

वर्ष 1949 में विद्यालय को हाईस्कूल तथा इण्टरमीडिएट साहित्यिक वर्ग की मान्यता प्राप्त हुई। इसी वर्ष विद्यालय भवन निर्माण हेतु भूमि प्राप्त हुई, तत्पश्चात् वर्तमान विद्यालय भवन का शिलान्यास हुआ। वर्ष 1963 में वर्तमान विद्यालय भवन के अन्तर्गत जूनियर कक्षाओं के शिक्षण कार्य हेतु पूर्व दिशा के कक्षों का निर्माण सम्बन्धी कार्य पूर्ण हुआ, तद्नुसार वर्ष 1964 में कक्षा 6, 7 तथा 8 सम्बन्धी कक्षाओं का स्थानान्तरण वर्तमान विद्यालय भवन में किया गया।

विद्यालय संस्थापक स्व0 डाॅ0 सत्य भूषण जी का जन्म 17 नवम्बर 1896 ई0 को बरेली जनपद में प्रतिष्ठित कानूनविदों के परिवार में हुआ था। आप एक बड़े जागीरदार व्यक्ति थे, आप लम्बी अवधि तक निपुण वैद्य के रूप में समाज की सेवा करते रहे। शिक्षा जगत के क्षेत्रा में आप समाज को सर्वशः समर्पित करने के अभिलाषी थे, तद्नुसार आपने अपनी सम्पूर्ण चल-अचल सम्पत्ति विद्यालय के निर्माण रूपी यज्ञ में आहुति के समान अर्पित कर दी, इतना ही नहीं तत्कालीन 29000.00 रूपये मूल्य के सिविल लाइन स्थित दो बंगलों को भी विद्यालय रूपी यज्ञ में समर्पित कर दिया, आहुति के अर्पण से जैसे अग्नि दैदीप्यमान हो जाती है, वैसे ही सम्पत्ति के अर्पण से वैद्य जी का यश दीप्तिमान हो गया। भौतिक शरीर का त्याग अवश्यम्भावी है इसी मान्यता के आधार पर डाॅ0 सत्यभूषण जी अकस्मात व्याधिग्रस्त हो जाने के कारण 7 मई 1970 को स्वर्गवासी हो गये। डाॅ0 सत्यभूषण जी का स्वर्गवास हो जाने के पश्चात् आपकी सहधर्मिणी विद्यालय संस्थापिका स्व0 श्रीमती मनोहर देवी जी ने जनपद रामपुर में सेवारत अपने सुपुत्रा श्री ब्रजभूषण जी के सानिध्य में रहते हुये, वृद्धावस्था की व्याधियों से ग्रसित होकर 05, फरवरी 1984 के दिन इस पंच भौतिक शरीर को परमपिता परमेश्वर में विलीन कर दिया। यद्यपि स्व0 डाॅ0 सत्यभूषण जी तथा स्व0 श्रीमती मनोहर देवी जी पार्थिव रूप से हमारे मध्य नहीं है, परन्तु मनोहर भूषण इण्टर काॅलेज के रूप में सदैव अमर रहेंगे।

संस्थापक स्व0 डाॅ0 सत्यभूषण जी एवं उनकी धर्मपत्नी स्व0 श्रीमती मनोहर देवी जी के उत्तम प्रयासों की देन के उपरान्त जिन महान लोगों का सहयोग विद्यालय विकास हेतु रहा है वे मुख्यतः स्व0 श्री कैलाश चन्द्र कार्यवाहक अध्यक्ष, स्व0 श्री शिवशंकर जी अध्यक्ष तथा समय पर प्रबन्धक के रूप में स्व0 श्री शिवशंकर जी, स्व0 श्री रमेश चन्द्र सक्सेना जी का विद्यालय में अविस्मरणीय योगदान रहा है।

उपरोक्त के अतिरिक्त जिन महान् विभूतियों का विद्यालय विकास में सहयोग स्थापित है उनके नाम विद्यालय परिवार सदा-सदा याद रखता है जिसमें विशेषतः स्व0 श्री लक्ष्मी शंकर जौहरी जी, स्व0 श्रीमती जमुना कुँवर जी, स्व0 श्री भुवन चन्द्र सक्सेना जी, स्व0 बाबू रोशन लाल जी, स्व0 श्री ए0 पी0 सिंह ”एडवोकेट“ जी, स्व0 श्री सतीश चन्द्र सौरखिया जी हैं। इसके अलावा पूर्व अध्यक्ष डाॅ0 ग्रीश चन्द्र जी, उनकी धर्मपत्नी स्व0 श्रीमती (डाॅ0) सुशीला सक्सेना जी, स्व0 श्री बृजभूषण जी एवं स्व0 जे0एन0 सिन्हा जी आदि का विद्यालय विकास में विशेष योगदान रहा है।

14 अगस्त 1947 को संस्थापक प्रधानाचार्य के रूप में स्व0 रहस बिहारी लाल माथुर नियुक्त हुये थे। जीवन पर्यन्त, हार्दिक स्नेहरूपी जल से शैशवकालीन विद्यालय रूपी वाटिका को पल्लवित एवं पुष्पित करते रहे। विद्यालय इतिहास में आपका विशिष्ट स्थान है क्योंकि आपके असीमित त्याग व कठोर परिश्रम रूपी भित्ति पर ही वर्तमान विद्यालय सुशोभित हो रहा है।

स्व0 माथुर जी के बाद 01 जुलाई 1973 को स्व0 टाकेश्वर प्रसाद कार्यवाहक प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त हुये।

04 जून 1975 को स्व0 ईश्वर दयाल सक्सेना ने प्रधानाचार्य का पदभार ग्रहण किया, आपके कार्यकाल में विद्यालय ने सर्वांगीण विकास करते हुये, शिक्षा जगत के क्षेत्रा में प्रतिष्ठित स्थान प्राप्त किया, इण्टरमीडिएट परिषदीय परीक्षा 1986 में छात्रा संजय शर्मा द्वारा प्रदेश की श्रेष्ठता सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करना, विद्यालय इतिहास में आपके कार्यकाल की अनुपम व अनूठी उपलब्धि है।

स्व0 ईश्वर दयाल सक्सेना जी की सेवानिवृत्ति के बाद क्रमशः श्री रवीन्द्र नाथ सक्सेना, श्री पी0 एम0 डी0 सक्सेना एवं मो0 यामीन अन्सारी ने कार्यवाहक प्रधानाचार्य पद का गुरूत्तर दायित्व संभाला।

इसी क्रम में दिसम्बर 1999 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड, इलाहाबाद द्वारा प्रधानाचार्य के पद पर डाॅ0 मनोज कुमार एम.काॅम., एम.एड., पी-एच.डी. का चयन किया गया। डाॅ0 मनोज कुमार के रूप में विद्यालय को एक युवा, कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ एवं अनुशासन प्रिय प्रधानाचार्य मिले। 11 दिसम्बर 1999 को डाॅ0 मनोज कुमार ने विधिवत् पदभार ग्रहण कर लिया। डाॅ0 मनोज कुमार कुशल प्रशासक, त्वरित निर्णय शक्ति तथा ओजस्वी व्यक्तित्व के धनी हैं। विषय-विशेष में पारंगत, शिक्षा अधिनियमों के ज्ञाता, अनुशासन प्रिय, कुशल प्रशासक, शैक्षिक प्रशासन पर विशेष ध्यान देने वाले तथा अन्य अनेक आपके महान् गुण हैं।

इन्हीं सब उपलब्धियों के कारण यह संस्था नगर में अपना विशिष्ट एवं सम्माननीय स्थान बनाये हुये हैं। युवा प्रधानाचार्य डाॅ0 मनोज कुमार की कर्तव्यपरायणता, कर्मठता तथा मार्गदर्शन में संस्था उत्तरोत्तर प्रगतिपथ पर अग्रसर है। आपको शिक्षा अधिकारियों, प्रबन्ध संचालक, विद्यालय स्टाॅफ, अभिभावकों, लिपिकों तथा परिचारकों का पूर्ण सहयोग प्राप्त है। विद्यालय परिवार को पूर्ण आशा व विश्वास है कि आपके कुशल नेतृत्व तथा पथ प्रदर्शन में भविष्य में विद्यालय सर्वोच्चतम कीर्तिमानों से अलंकृत होता रहेगा।